खोज जारी हें : आस अधूरी हें
अनोपचारिक क्षणों में एक शिक्षक ने छात्र से पूछा की प्यार क्या हें ?
शिक्षक ने कहा, 'जवाब देने से पहले में चाहूँगा की तुम मक्के के खेत में जाकर वह से सबसे बड़ा मक्का उखाड़कर लाओ | लेकिन हां तुम वह एक बार ही जा सकते हो और एक ही मक्का उखड सकते हो| छात्र ने खेतो में पहुचकर पहली क़तार में देखा | एक फल काफी बड़ा था |
उसे लगा अभी तो और भी कतरे हें , इससे भी बड़े फल होंगे | सो वह अगली कतार में ढूंढने लगा | इस तरह आगे बढ़ता हुआ वह खेत के बिच पहुच गया | तभी उसे अहसास हुआ की बड़े फल की तलाश में वह जहा पहुच गया हें उससे बड़े फल तो वह पहले छोड़ आया हें इसके बाद वह अफ़सोस करता हुआ खली हाथ लौट आया | शिक्षक ने कहा 'यही प्यार हें ' | आप बेहतर की तलाश में रहते हें लेकिन बाद में आपको अहसास होता हें की वह तो आपसे पहले मिला था , पर आपने उसे ऐसे ही जाने दिया |'
छात्र ने पूछा 'फिर शादी किया हें ? ' शिक्षक ने उसे एक बार फिर खेत भेज दिया | शर्त इस बार भी वही थी | इस बार उसने गलती नहीं की और तीसरी चौती कतार तक पहुचते ही उसने एक अच्चा सा मक्का चुन लिया और ख़ुशी ख़ुशी वापस आ गया | शिक्षक ने कहा 'इस बार तुम १ मक्का लेकर आये हो | तुम्हे ऐसे मक्के की तलाश थी , जो बस अच्चा हो और जिस पर तुम्हे भरोसा हो की जो तुमने पाया वही सबसे अच्चा हें | यही शादी हें | जीवन का सुख भटकते रहने में नहीं , जिसे पाया उसे खास मानने में हें |'
सिख : प्यार में चंचलता होती हें और शादी में स्थायित्व होता हें | आप किसी खास की तलाश में हमेशा भटकते रहते हें लेकिन जो मिला उसे खास मान लेते हें तो सुखी और संतुष्ट हो जाते हें ||||||
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