जयसमंद झील 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली गोविंद बल्लभ पंत सागर के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यह झील जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य (Jaisamand Wildlife Sanctuary) से घिरी हुई है जो कई तरह के दुर्लभ जानवरों और प्रवासी पक्षियों का आवास स्थान है। उदयपुर की रानी के ग्रीष्मकालीन महल भी इस झील को एक सुंदर जगह बनाते हैं। बता दें कि इस झील के बांध पर छह सेनेटाफ और शिव को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर इस बात को बताता है कि मेवाड़ के लोग दैवीय शक्ति के प्रति अत्यधिक प्रतिबद्ध थे।
कई स्थनीय लोग इस झील को धेबर झील (Dhebar Lake) के नाम से भी जानते हैं। जयसमंद झील उदयपुर शहर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है जो स्वच्छ और सुंदर होने के साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। जो भी इंसान शहर की उथल-पुथल से दूर शांति में समय बिताना चाहता है उसके लिए इस झील की यात्रा करना बेहद यादगार साबित हो सकता है। अगर आप जयसमंद झील घूमने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि इस लेख में हम आपको जयसमंद झील के इतिहास और घूमने की जानकारी देने जा रहे हैं।
अगर आप जयसमंद झील की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि यहाँ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम होता है जो जलाई से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस मौसम में आप झील के कई आकर्षक नजारों को देख सकते हैं। इस मौसम में उदयपुर का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्यिस के बीच रहता है, इसलिए यह समय झील की यात्रा करने का एक आदर्श समय है। गर्मियों का मौसम जयसमंद झील की यात्रा करने के लिए अनुकूल नहीं होता क्योंकि इस समय उदयपुर में 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। मार्च से लेकर जून के महीनों में यहाँ गर्मी पड़ती है इसलिए आपको इस मौसम में उदयपुर की यात्रा करने से बचना चाहिए।
कई स्थनीय लोग इस झील को धेबर झील (Dhebar Lake) के नाम से भी जानते हैं। जयसमंद झील उदयपुर शहर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है जो स्वच्छ और सुंदर होने के साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। जो भी इंसान शहर की उथल-पुथल से दूर शांति में समय बिताना चाहता है उसके लिए इस झील की यात्रा करना बेहद यादगार साबित हो सकता है। अगर आप जयसमंद झील घूमने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि इस लेख में हम आपको जयसमंद झील के इतिहास और घूमने की जानकारी देने जा रहे हैं।
1. जयसमन्द झील का इतिहास
महाराणा जय सिंह ने खुद 1685 में ढेबर झील या जयसमंद झील का निर्माण करवाया था। 36 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करते हुए यह तब तक एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील बनी रही जब तक कि 1902 में अंग्रेजों ने मिस्र में असवान बांध का गठन नहीं किया था। पानी की कमी की वजह से जय सिंह के शासनकाल के समय इस झील का निर्माण हुआ था। अपनी पिता (जिन्होंने राजसमंद झील का निर्माण किया था) के नक्शेकदम पर चलते हुए महाराणा ने गोमती नदी पर एक विशाल तटबंध बनाने का निर्णय लिया, यह डेम 36.6 मीटर ऊँचा है। इस झील का नाम उन्होंने अपने खुद के नाम पर रखा और इसे ‘विजय का महासागर’ या जयसमंद कहा जाने लगा। बता दें कि 2 जून 1691 को बाँध के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने अपने वजन बराबर सोना वितरित किया था।
2. जयसमंद झील की वास्तुकला
जयसमंद झील मुख्य रूप से तीन द्वीप शामिल हैं जो भील मिनस के जनजातियों द्वारा बसे हुए हैं।। बता दें कि दो बड़े द्वीपों को बाबा का मगरा (Baba Ka Magra) के नाम से जाना जाता है और छोटे द्वीप को पियरी (Piari) नाम दिया गया है। जयसमंद झील 9 मील (14 किमी) चौड़ी, 30 मील (48 किमी) परिधि में, 102 फीट (31 मीटर) गहराई में है। इस झील में संगमरमर की सीढ़ियां हैं जो पानी की ओर जाती हैं। आपको बता दें कि संगमरमर के बांध में केंद्र में एक शिव ही के मंदिर के साथ छह उत्तम सेनेटाफ (Cenotaphs) हैं। यह शिव मंदिर और छत्रियां इस झील की सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं। झील के उत्तरी छोर पर एक मंदिर है और दक्षिणी में 12 स्तंभों वाला एक विशाल मंडप है। इस झील के शेष 11 द्वीपों में से कुछ प्रवासी पक्षियों और अन्य जानवरों को घर प्रदान करते हैं।
3. जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य
जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य 160 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसको 1957 में पेश किया गया था। यहां पर आप झील की यात्रा के दौरान कुछ समय बिता सकते हैं। यहां विभिन्न प्रजातियों के जानवर पाए जाते हैं जिनमे जंगली सूअर, पैंथर, चार सींग वाले मृग, हिरण, आम और विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं।
- भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क- 10 रूपये
- विदेशियों के लिए प्रवेश शुल्क- 80 रूपये
- कैमरा चार्ज- 200 रूपये
4. जयसमंद झील के घूमने के लिए टिप्स
- जयसमंद झील की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के दौरान है।
- अगर झील की सैर करने के लिए जा रहे हैं तो जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य को भी अपनी यात्रा में शामिल जरुर करें।
- झील के पास पहाड़ी पर स्थित महल को वन विभाग द्वारा कभी-कभी खोला जाता है इसलिए अगर आप महल की यात्रा करने की योजना भी बना रहे हैं तो इससे पहले इसके खुलने के बारे में पूछताछ अवश्य कर लें।
5. जयसमंद झील उदयपुर प्रवेश शुल्क
जयसमंद झील के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता लेकिन नाव की सवारी 30 – 80 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाता है।
6. जयसमंद झील उदयपुर समय
सोमवार से रविवार दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक
7. जयसमंद झील घूमने का सबसे अच्छा समय
अगर आप जयसमंद झील की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि यहाँ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम होता है जो जलाई से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस मौसम में आप झील के कई आकर्षक नजारों को देख सकते हैं। इस मौसम में उदयपुर का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्यिस के बीच रहता है, इसलिए यह समय झील की यात्रा करने का एक आदर्श समय है। गर्मियों का मौसम जयसमंद झील की यात्रा करने के लिए अनुकूल नहीं होता क्योंकि इस समय उदयपुर में 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। मार्च से लेकर जून के महीनों में यहाँ गर्मी पड़ती है इसलिए आपको इस मौसम में उदयपुर की यात्रा करने से बचना चाहिए।
8. उदयपुर में प्रसिद्ध भोजन
उदयपुर में स्थित जयसमंद झील राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपने कई पर्यटन स्थलों की वजह से जाना जाता है। अगर आप उदयपुर के इस खास पर्यटन स्थल की सैर करने आये हैं तो इसके साथ आप यहाँ के खास स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। बता दें कि उदयपुर के फेमस होटल नटराज में आप दाल बाट चूरमा और गट्टे की सब्जी काफी प्रसिद्ध है। इस होटल को राजस्थानी भोजन बनाने में महारत हासिल है। इसके अलावा शिव शक्ति चाट पर आप विभिन्न प्रकार के कचौरी चाट ले सकते हैं जो इस शहर में काफी मशहूर है। यहां के नीलम रेस्तरां में एक खास राजस्थानी थाली भी ले सकते हैं जो मीठी, चटपटी और मसालेदार घर के खाने के भोजन से भरपूर होती है।
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